BA Semester-3 Defence and Strategic Studies - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2648
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन

प्रश्न- संयुक्त राष्ट्र संघ (U.N.O.) पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।

अथवा
संयुक्त राष्ट्र संघ के विभिन्न कार्यों का वर्णन कीजिए।
अथवा
संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद के संगठन तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।
अथवा
संयुक्त राष्ट्र संघ के संगठन तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद (Security Council) के संगठन तथा कार्यों का उल्लेख कीजिए।
2. संयुक्त राष्ट्र संघ के सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर -

संयुक्त राष्ट्र संघ
(United Nation Organisation)

परिचय - संयुक्त राष्ट्र संघ का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय शान्ति एवं सुरक्षा बनाये रखने के लिए किया गया है। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद 1919 ई. में आयोजित पेरिस शान्ति सम्मेलन में लीग ऑफ नेशन्स की स्थापना की गई। द्वितीय विश्वयुद्ध के प्रारम्भ होते ही यह संगठन अप्रासांगिक हो गया। जब द्वितीय विश्वयुद्ध अपने भीषणतम रूप में सारे विश्व को आतंकित कर रहा था, ऐसे समय में संयुक्त राष्ट्र संघ की संकल्पना की गयी धुरी राष्ट्रों की बढ़ी हुई सैनिक शक्ति वास्तव में प्रजातंत्र और मानवीय अधिकारों के लिए संकट का संकेत कर रही थी। 1 जनवरी 1942 ई. को संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, सोवियत संघ, चीन तथा अन्य 26 मित्र राष्ट्रों के प्रतिनिधियों का एक सम्मेलन सॉन फांसिस्को (अमेरिका) में हुआ, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि ये राष्ट्र सम्मिलित होकर धुरी राष्ट्रों का सामना करेंगे। इस संगठन को संयुक्त राष्ट्र अथवा 'यूनाइटेड नेशन्स' का नाम तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट द्वारा प्रदान किया गया। 26 जून 1945 को (भारत सहित ) 50 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने अधिकार पत्र पर हस्ताक्षर किये। अधिकारिक रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ 24 अक्टूबर 1945 को अस्तित्व में आया।

संयुक्त राष्ट्र संघ के उद्देश्य - संयुक्त राष्ट्र संघ के उद्देश्य उसके घोषणा पत्र ( Charter) की प्रस्तावना में निम्न प्रकार से वर्णित हैं -

1. हम संयुक्त राष्ट्रों की जनता ने भावी पीढ़ियों को उस युद्ध की पीड़ा और कष्टों से बचाने का निश्चय किया है जिसके कारण हमारे जीवन में दो बार मानव जाति को दुख भोगना पड़ा।
2. मनुष्य के मौलिक अधिकारों में मानव व्यक्तित्व की प्रतिष्ठा एवं मूल्यों में स्त्री और पुरुषों के समान अधिकार और छोटे बड़े राष्ट्रों की समानता में अटूट विश्वास |
3. आर्थिक विस्तृत स्वतंत्रता के वातावरण में सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने तथा जीवनयापन के अधिक उत्तम मानदण्ड स्थापित करना।
4. इन लक्ष्यों की पूर्ति के लिए सहिष्णुता बरतना, अच्छे पड़ोसी की तरह एक-दूसरे के साथ शान्तिपूर्ण रहना।

संक्षेप में घोषणा पत्र (चार्टर) के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ के चार प्रमुख उद्देश्य हैं -

1. सामूहिक व्यवस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शान्ति एवं सुरक्षा कायम रखना और आक्रामक प्रवृत्तियों को नियंत्रण में रखना।
2. अंतर्राष्ट्रीय विवादों का शान्तिपूर्ण समाधान करना।
3. राष्ट्रों के आत्म निर्णय और उपनिवेशवाद विघटन की प्रक्रिया को गति देना।
4. सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं मानवीय क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित एवं पुष्टं करना।

संयुक्त राष्ट्र संघ के सिद्धान्त घोषणा-पत्र (चार्टर) की धारा 2 में निम्नलिखित मौलिक सिद्धान्तों का समावेश किया गया है -

1. इसका प्रमुख आधार सभी देशों की समानता एवं संप्रभुता का सिद्धान्त है।
2. प्रत्येक सदस्य चार्टर द्वारा उन पर लागू होने वाले दायित्वों के पालन हेतु वचनबद्ध होंगे।
3. यह संगठन किसी भी देश के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
4. प्रत्येक सदस्य शान्तिपूर्ण ढंग से अंतर्राष्ट्रीय विवादों का निपटारा करेंगे।
5. कोई भी राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों के प्रतिकूल कोई कार्य नहीं करेगा। संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन चार्टर के अनुच्छेद 7 के अनुसार इस संस्थान के छह प्रमुख अंग हैं जो इस प्रकार हैं.

1. आम सभा (General Assembly) - संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य अंगों में आम सभा सर्वाधिक बड़ा एवं महत्वपूर्ण अंग है। प्रत्येक सदस्य राष्ट्र के प्रतिनिधि इस आम सभा के सदस्य हैं। इसकी स्थापना का उद्देश्य एक महान अंतर्राष्ट्रीय नैतिक एवं राजनीतिक मंच का निर्माण करना था। विश्वशान्ति एवं समस्याओं के सम्बन्ध में आम सभा में प्रश्न उठाया जा सकता है।

2. सुरक्षा परिषद (Security Council) - सुरक्षा परिषद को विश्व शान्ति एवं सुरक्षा का प्रहरी माना जाता है। आम सभा की तुलना में सुरक्षा परिषद बहुत ही छोटा सदन है, परन्तु आम सभा की अपेक्षा उसकी शक्ति बहुत व्यापक है। सुरक्षा परिषद विश्व की सर्वोच्च शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है। राजनीतिक विषयों में सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र संघ का कार्यपालीय अंग है।

सुरक्षा परिषद के कार्य तथा शक्तियाँ

सुरक्षा परिषद के कार्य तथा शक्तियाँ निम्नलिखित हैं-

(i) अंतर्राष्ट्रीय शान्ति तथा सुरक्षा बनाये रखना संयुक्त राष्ट्र संघ के घोषणा पत्र के अनुच्छेद 24 के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्यों द्वारा सुरक्षा परिषद का प्रमुख कार्य अंतर्राष्ट्रीय शान्ति तथा सुरक्षा बनाये रखना है।

(ii) संवैधानिक कार्य सुरक्षा परिषद संवैधानिक कार्य भी करती है। चार्टर में संशोधन के समय इसका कार्य महत्वपूर्ण है।

(iii) निर्वाचन सम्बन्धी कार्य संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद की संतुष्टि पर ही की जाती है। इसके अतिरिक्त सुरक्षा परिषद आम सभा के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति भी करती है।

(iv) पर्यवेक्षण सम्बन्धी कार्य सुरक्षा परिषद पर्यवेक्षण सम्बन्धी कार्य भी करती है। इसके अंतर्गत सदस्यता समाप्त करना तथा विशेषाधिकारों को छीनने का कार्य सुरक्षा परिषद का ही है, परन्तु यदि सुरक्षा परिषद चाहे तो इस सदस्यता तथा विशेषाधिकार को वापस भी कर सकती है।

3. आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (Economic and Social Council) - यह एक स्थायी संस्था है। इसमें 54 सदस्य होते हैं। प्रत्येक सदस्य की अवधि तीन-तीन वर्ष की होती है। आर्थिक एवं सामाजिक परिषद अंतर्राष्ट्रीय मामलों में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य तथा सम्बन्धित मामलों पर अध्ययन कर सकती है।

4. न्यास परिषद (Trusteeship Council) - चार्टर के अध्याय 8 में न्यास परिषद का उल्लेख है। संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अनुसार जिन प्रदेशों में पूर्ण स्वायत्त शासन नहीं है वहाँ के निवासियों के हितों की रक्षा का कार्य न्यास परिषद का ही है।

5. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) - नीदरलैण्ड (हॉलैण्ड) की राजधानी हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र संघ का एक प्रमुख अंग है। यह राष्ट्र संघ की प्रमुख कानूनी संस्था है। इसमें 15 न्यायाधीश होते हैं जो आम सभा तथा सुरक्षा परिषद के द्वारा चुने जाते हैं।

6. सचिवालय (Secretariat ) - संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यों के सम्पादन के लिए सचिवालय की स्थापना की गई। सचिवालय का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी महासचिव होता है। यह एक स्थायी संस्था है तथा इसका कार्य निरन्तर चलता रहता है। महासचिव का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।

संयुक्त राष्ट्र के विशिष्ट अभिकरण - यद्यपि संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख उद्देश्य विश्व शान्ति एवं सुरक्षा स्थापित करना है तथापि अन्य राष्ट्रों से आपसी सहयोग द्वारा अपने उद्देश्यों की प्राप्ति को सुगम बनाने के लिए विशिष्ट अभिकरणों एवं विधियों की व्यवस्था की गई है जो निम्नलिखित हैं-

1. अंतर्राष्ट्रीय विकास संगठन (International Development Association IDA)
2. पुनर्निर्माण एवं विकास का अंतर्राष्ट्रीय बैंक अथवा विश्व बैंक (International Bank For Reconstruction and Development or World Bank IBRD)
3. खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agriculture Organisation FAO)
4. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organisation ILO)
5. अंतर्राष्ट्रीय परमाणु शक्ति एजेन्सी ( International Atomic Energy Agency
6. अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (International Finance Corporation IFC)
7. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monteary Find IMF)
8. विनियोग सम्बन्धी विवादों के समाधान का अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र (International Center for Settlement of Investment Dispute ICSID)
9. अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन (International Civil Aviation Organization ICAO)
10. अंतर्राष्ट्रीय समुद्रिक संगठन (International Movitime Organisation, IMO)

संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्य - संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य कार्य राजनीतिक समस्याओं का समाधान करते हुए अंतर्राष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा को प्रोत्साहन प्रदान करना है। मुख्यतः इसके कार्यों को दो भागों में विभाजित कर सकते हैं राजनीतिक कार्य एवं मानवीय कार्य। राजनीतिक कार्य के अंतर्गत दो मुख्य कार्य आते हैं -

(i) अंतर्राष्ट्रीय विवादों और प्रश्नों का निराकरण करना।
(ii) अंतर्राष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा को कायम रखना।

मानवीय कार्य इन कार्यों में वे सभी कार्य सम्मिलित हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ मनुष्य जाति के स्वास्थ्य, आर्थिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक हितों को आगे बढ़ाने हेतु करता है। इन्हीं कार्यों के संचालन के लिए उपर्युक्त अभिकरणों की स्थापना की गई है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
  2. प्रश्न- राष्ट्र राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
  3. प्रश्न- राष्ट्र राज्य से आप क्या समझते हैं?
  4. प्रश्न- राष्ट्र और राज्य में क्या अन्तर है?
  5. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए तथा सुरक्षा के आवश्यक तत्वों का उल्लेख कीजिए।
  6. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित करते हुए सुरक्षा के निर्धारक तत्वों की व्याख्या कीजिए।
  7. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। राष्ट्रीय हित में सुरक्षा क्यों आवश्यक है? विवेचना कीजिए।
  8. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए।
  9. प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा के तत्वों पर प्रकाश डालिए।
  10. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सामाजिक समरसता का क्या महत्व है?
  11. प्रश्न- भारत के प्रमुख असैन्य खतरे कौन से हैं?
  12. प्रश्न- भारत की रक्षा नीति को उसके स्थल एवं जल सीमान्तों के सन्दर्भ में बताइये।
  13. प्रश्न- प्रतिरक्षा नीति तथा विदेश नीति में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  14. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा का विश्लेषणात्मक महत्व बताइये।
  15. प्रश्न- रक्षा नीति को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्वों के विषय में बताइये।
  16. प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा सुरक्षा नीति से आप क्या समझते है?
  17. प्रश्न- भारत की रक्षा नीति का वर्णन कीजिये।
  18. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित करते हुए शक्ति की अवधारणा का वर्णन कीजिये।
  19. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति की रूपरेखा बताइये।
  20. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित कीजिए तथा अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
  22. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के तत्वों का परीक्षण कीजिये।
  23. प्रश्न- "एक राष्ट्र के प्राकृतिक संसाधन उसकी शक्ति निर्माण के महत्वपूर्ण तत्व है।' इस कथन की व्याख्या भारत के सन्दर्भ में कीजिए।
  24. प्रश्न- "किसी देश की विदेश नीति उसकी आन्तरिक नीति का ही प्रसार है।' इस कथन के सन्दर्भ में भारत की विदेश नीति को समझाइये।
  25. प्रश्न- भारतीय विदेश नीति पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
  26. प्रश्न- कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
  27. प्रश्न- कूटनीति का क्या अर्थ है? बताइये।
  28. प्रश्न- कूटनीति और विदेश नीति का सह-सम्बन्ध बताइये।
  29. प्रश्न- 'शक्ति की अवधारणा' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  30. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति पर मार्गेनथाऊ के दृष्टिकोण की व्याख्या कीजिये।
  31. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के आर्थिक तत्व का सैनिक दृष्टि से क्या महत्व है?
  32. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति बढ़ाने में जनता का सहयोग अति आवश्यक है। समझाइये।
  33. प्रश्न- विदेश नीति को परिभाषित कीजिये तथा विदेश नीति रक्षा नीति के सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
  34. प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- शीत युद्ध के बाद के अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण पर एक निबन्ध लिखिये।
  36. प्रश्न- संयुक्त राष्ट्र संघ (U.N.O.) पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
  37. प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये -(i) सुरक्षा परिषद् (Security Council), (ii) वारसा पैक्ट (Warsa Pact), (iii) उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO), (iv) दक्षिण पूर्वी एशिया संधि संगठन (SEATO), (v) केन्द्रीय संधि संगठन (CENTO), (vi) आसियान (ASEAN)
  38. प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा स्पष्ट कीजिए तथा इनके लाभ पर प्रकाश डालिए?
  39. प्रश्न- क्या संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व में शान्ति स्थापित करने में सफल हुआ है? समालोचना कीजिए।
  40. प्रश्न- सार्क पर एक निबन्ध लिखिए।
  41. प्रश्न- शक्ति सन्तुलन के विभिन्न रूपों तथा उद्देश्यों का वर्णन करते हुए इसके सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
  42. प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित करते हुए उसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- शक्ति सन्तुलन की अवधारणा की व्याख्या कीजिये।
  44. प्रश्न- 'क्षेत्रीय सन्धियों' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  45. प्रश्न- समूह 15 ( G-15) क्या है?
  46. प्रश्न- स्थाई (Permanent) तटस्थता तथा सद्भावनापूर्ण (Benevalent) तटस्थता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- नाटो (NATO) क्या है?
  48. प्रश्न- सीटो (SEATO) के उद्देश्य क्या हैं?
  49. प्रश्न- सार्क (SAARC) क्या है?
  50. प्रश्न- दक्षेस (SAARC) की उपयोगिता को संक्षेप में समझाइए।
  51. प्रश्न- “सामूहिक सुरक्षा शांति स्थापित करने का प्रयास है।" स्पष्ट कीजिये।
  52. प्रश्न- 'आसियान' क्या है? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- गुटनिरपेक्षता (Non-Alignment) तथा तटस्थता (Neutrality) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  54. प्रश्न- शक्ति सन्तुलन को एक नीति के रूप में समझाइये।
  55. प्रश्न- सामूहिक सुरक्षा और संयुक्त राष्ट्र संघ पर एक टिप्पणी कीजिए।
  56. प्रश्न- निःशस्त्रीकरण को परिभाषित कीजिये।
  57. प्रश्न- निःशस्त्रीकरण और आयुध नियंत्रण में क्या अन्तर है?
  58. प्रश्न- शस्त्र नियंत्रण और निःशस्त्रीकरण में क्या सम्बन्ध है?
  59. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये आन्तरिक व बाह्य खतरों की व्याख्या कीजिये।
  60. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के अन्तर्गत भारत को अपने पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान तथा चीन से सम्बन्धित खतरों का उल्लेख कीजिए।
  61. प्रश्न- 'चीन-पाकिस्तान धुरी एवं भारतीय सुरक्षा' पर एक निबन्ध लिखिए।
  62. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा से आप क्या समझते हैं?
  63. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व एवं अर्थ की व्याख्या कीजिये।
  64. प्रश्न- गैर-सैन्य खतरों से आप क्या समझते हैं? उनसे किसी राष्ट्र को क्या खतरे हो सकते हैं?
  65. प्रश्न- देश की आन्तरिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं? वर्तमान समय में भारतीय आन्तरिक सुरक्षा के लिए मुख्य खतरों की विवेचना कीजिए।
  66. प्रश्न- भारत की आन्तरिक सुरक्षा हेतु चुनौतियाँ कौन-कौन सी है? वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- रक्षा की अवधारणा बताइए।
  68. प्रश्न- खतरे की धारणा से आप क्या समझते हैं? भारत की सुरक्षा के खतरों की समीक्षा कीजिए।
  69. प्रश्न- राष्ट्र की रक्षा योजना क्या है और इसकी सफलता कैसे निर्धारित होती है?
  70. प्रश्न- "एक सुदृढ़ सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिये।
  71. प्रश्न- भारत के प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए विकसित प्रक्षेपास्त्रों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  72. प्रश्न- पाकिस्तान की आणविक नीति का भारत की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव का परीक्षण कीजिये।
  73. प्रश्न- चीन के प्रक्षेपात्र कार्यक्रमों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- चीन की परमाणु क्षमता के बारे में बताइए।
  75. प्रश्न- भारतीय मिसाइल कार्यक्रम पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  76. प्रश्न- भारत की नाभिकीय नीति का संक्षेप में विवेचन कीजिये।
  77. प्रश्न- भारत के लिये नाभिकीय शक्ति (Nuclear Powers ) की आवश्यकता पर एक संक्षिप्त लेख लिखिये।
  78. प्रश्न- पाकिस्तान की परमाणु नीति की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  79. प्रश्न- पाकिस्तान की मिसाइल क्षमता की विवेचना कीजिए।
  80. प्रश्न- क्या हथियारों की होड़ ने विश्व को अशान्त बनाया है? इसकी समीक्षा कीजिए।
  81. प्रश्न- N. P. T. पर बड़ी शक्तियों के दोहरी नीति की व्याख्या कीजिए।
  82. प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध संधि (CTBT) के सैद्धान्तिक रूप की विवेचना कीजिए।
  83. प्रश्न- MTCR से आप क्या समझते हैं?
  84. प्रश्न- राष्ट्रीय मिसाइल रक्षा (NMD) से आप क्या समझते हैं?
  85. प्रश्न- परमाणु प्रसार निषेध संधि (N. P. T.) के अर्थ को समझाइए एवं इसका मूल उद्देश्य क्या है?
  86. प्रश्न- FMCT क्या है? इस पर भारत के विचारों की व्याख्या कीजिए।
  87. प्रश्न- शस्त्र व्यापार तथा शस्त्र सहायता में क्या सम्बन्ध है? बड़े राष्ट्रों की भूमिका क्या है? समझाइये |
  88. प्रश्न- छोटे शस्त्रों के प्रसार से आप क्या समझते हैं? इनके लाभ व हानि बताइये।
  89. प्रश्न- शस्त्र दौड़ से आप क्या समझते हैं?
  90. प्रश्न- शस्त्र सहायता तथा व्यापार कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
  91. प्रश्न- शस्त्र व्यापार करने वाले मुख्य राष्ट्रों के नाम बताइये।
  92. प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये वाह्य व आन्तरिक चुनौतियाँ क्या हैं? उनसे निपटने के उपाय बताइये।
  93. प्रश्न- भारत की सुरक्षा चुनौती को ध्यान में रखते हुए विज्ञान एवं तकनीकी प्रगति की समीक्षा कीजिए।
  94. प्रश्न- भारत में अनुसंधान तथा विकास कार्य (Research and Development) पर प्रकाश डालिए तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठनों का भी उल्लेख कीजिए।
  95. प्रश्न- "भारतीय सैन्य क्षमता को शक्तिशाली बनाने में रक्षा उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।' उपरोक्त सन्दर्भ में भारत के प्रमुख रक्षा उद्योगों के विकास का उल्लेख कीजिए।
  96. प्रश्न- नाभिकीय और अंतरिक्ष कार्यक्रम के विशेष सन्दर्भ में भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास पर एक निबन्ध लिखिए।
  97. प्रश्न- "एक स्वस्थ्य सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ.) पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
  99. प्रश्न- भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पर एक संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए

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